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Showing posts from March, 2020

अपने MIND को शांत कैसे करे?

दोस्तों हमारा दिमाग बहुत चंचल होता है।जब भी हम फालतू बैठते है तो हमारे दिमाग में बहुत सारी बातें घूमती हैं। और विशेष तौर पर जब एक विद्यार्थी पढ़ने के लिए बैठता है तो उसका दिमाग ईधर उधर की बातों में उलझ जाता है जिससे उसे परेशानी होती हैं,उसका समय बरबाद हो जाता है तो मैं उनके लिए कुछ मशवरा देना चाहती हूं जब भी आप पढ़ने के लिए बैठे तो अपने अनुकूल स्थान पर सभी समाग्री जिसकी पढ़ाई करनी हैं उसे लेकर बैठे, बार बार न उठे। गहरी सांस ले बीस मिनट के अंतराल पर आंखे एक दो बार झपकाए और अपने सेलेब्स के अनुसार अपना लक्ष्य निर्धारित करे, लक्ष्य की पूर्ति होने पर ही उठे। अब मै एक सामान्य आदमी की बात करती हूं तो हमे दिमाग की शांत रखने के लिए प्रातः भ्रमण करना चाहिए।अनुलोम विलोम प्राणायाम करना चाहिए भस्त्रिका प्राणायाम,भ्रामरी , ,ओंकार प्राणायाम का अभ्यास करने से दिमाग शांत रहता है मेडीटेशन करने से दिमाग शांत रहता हैं।दिमाग को भी आराम की जरूरत होती हैं। हमें अच्छे पढ़े लिखे सुशील व्यक्ति से संपर्क बनाना चाहिए जो हमारे मानसिक विकास में हमारी मदद करें जो हमें हमारे दिमाग में उठे हुए तरंग को शांत करने में

ज़िंदगी कैसी जीनी चाहिए?

दोस्तों हमें भगवान ने ज़िंदगी दिया है तो उसे हमें अच्छे से जीना चाहिए । अब सवाल ये उठता है कि अच्छे से ज़िंदगी जिया कैसे जाता है? तो उसका एक आसान सा तरीका है अपने कर्तव्यों का पालन करो । कोशिश करो कि हमारी वजह से किसी को कोई दुख ना पहुंचे ।सबसे सद्व्यवहार करो ।अपनी ज़िंदगी में शांति ,सहानुभूति, शीतलता, सद्गुण आदि को अपने व्यवहार में लाओ। जब जब आपकी जहां जहा जरूरत है वहां जाओ ओर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करो। अपने नैतिक कर्तव्य का पालन करो। ओर सबसे बड़ी बात ये ज़िन्दगी जब हम जीते है तो बहुत सारी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से कभी कभी इंसान टूट जाता है तो उस समय जो समय की मांग हो वहीं करना चाहिए अन्यथा कभी भी किसी भी बड़ी समस्या में फंस सकते है जिसकी वजह से ज़िन्दगी अयस्त व्यस्त हो सकती है। किसी मोह माया ना फंसो।रिश्ते संसार में आकर ही बनते है हम पैदा भी अकेले होते है ओर मर कर भी अकेले ही जाना होता है। जब तक ज़िन्दगी रहती है तब तक सब है उसके बाद सब अकेले ही करना है मरने के चार दिन बाद सब सबकुछ भूल जाते है इसलिए सिर्फ ईश्वर पर विश्वास करो उसी से मोह करो वो ज़िन्दग