दोस्तों हमारा दिमाग बहुत चंचल होता है।जब भी हम फालतू बैठते है तो हमारे दिमाग में बहुत सारी बातें घूमती हैं। और विशेष तौर पर जब एक विद्यार्थी पढ़ने के लिए बैठता है तो उसका दिमाग ईधर उधर की बातों में उलझ जाता है जिससे उसे परेशानी होती हैं,उसका समय बरबाद हो जाता है तो मैं उनके लिए कुछ मशवरा देना चाहती हूं जब भी आप पढ़ने के लिए बैठे तो अपने अनुकूल स्थान पर सभी समाग्री जिसकी पढ़ाई करनी हैं उसे लेकर बैठे, बार बार न उठे। गहरी सांस ले बीस मिनट के अंतराल पर आंखे एक दो बार झपकाए और अपने सेलेब्स के अनुसार अपना लक्ष्य निर्धारित करे, लक्ष्य की पूर्ति होने पर ही उठे। अब मै एक सामान्य आदमी की बात करती हूं तो हमे दिमाग की शांत रखने के लिए प्रातः भ्रमण करना चाहिए।अनुलोम विलोम प्राणायाम करना चाहिए भस्त्रिका प्राणायाम,भ्रामरी , ,ओंकार प्राणायाम का अभ्यास करने से दिमाग शांत रहता है मेडीटेशन करने से दिमाग शांत रहता हैं।दिमाग को भी आराम की जरूरत होती हैं। हमें अच्छे पढ़े लिखे सुशील व्यक्ति से संपर्क बनाना चाहिए जो हमारे मानसिक विकास में हमारी मदद करें जो हमें हमारे दिमाग में उठे हुए तरंग को शांत करने में
दोस्तों वर्तमान में हम लोग जितनी तेज से आगे बढ़ रहे है, उतनी ही तेजी से हमारी खुशियाँ , रिश्ते छूट रहे है, इस ब्लॉग के माध्यम से मैंने जीवन की अनेक समस्याओ के बारे में लिखा है।