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Showing posts from February, 2021

जिंदगी का अकेलापन

दोस्तों कल मेरे पास किसी शुभचिंतक का फ़ोन आया था की आप अकेलापन पर कुछ लिखिए, फिर मैंने बोला ठीक है मै लिखने की कोशिश करूंगा. आज मै अकेलापन पर लिखने की कोशिस कर रहा हूँ , शायद आपको पसंद आये। जिंदगी का अकेलापन क्या है:  दोस्तों अकेलेपन को महसूस कोई भी, किसी भी उम्र में कर सकता है। हर व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी ना कभी अकेलापन महसूस करता ही है। हमे मालूम होना चाहिए की अकेलापन एक feeling है और जब हमे ऐसी फीलिंग होती तब हम भावनात्मक रूप से कमज़ोर होने लगते है और अपना अकेलापन दूर करने के लिए हम नये लोगो को Search करने लगते है। इसमें कोई बुराई है नहीं है , अगर दुनिया में बुरे लोग है तो अच्छे लोग भी है। दोस्तों कभी भी अपने दुख पर ज्यादा ध्यान मत दो, क्योंकि ध्यान भोजन के समान है, आप जितना ध्यान देते हो तो वो चीज़ उतनी ही मजबूत होती जाती है। दिमाग की छोड़ दिल की सुनो। कम सोचो, महसूस  ज्यादा करो।अपने आप को दूसरों की राय के अनुसार न बनायें। अकेलेपन को ऐसे करें दूर : 1 . हंसो जब भी मन हो : दोस्तों आप कभी भी किसी भी छोटी से छोटी वस्तुओं पैर हंसो। ये मत सोचो की जब कोई बड़ी बात

अच्छे लोगो के साथ दुःख और परेशानियां क्यों

दोस्तों जब आपके जीवन में दुख आता है तो आप उस दुख से बचने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उस दुख से बचने के लिए संघर्ष करते हैं। दोस्तों LifeWithAshish में आपका स्वागत है। दोस्तों आप लोग कैसे हो, आपको मेरे आलेख कैसे लग रहे है , कृपया आप जरूर बताइए। अगर कोई कमी है किसी आलेख में आप जरूर बताए ताकि हम आपके अनुसार ही topic पर आलेख लिखे, हम तो यही चाहते है कि आप सब मेरे आलेख पढ़ कर सकारात्मक बने रहे क्योंकि जीवन में बहुत उतार -चढाव है। दोस्तों कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने मुझसे पूछा कि मैंने आज तक कोई बुरा काम नहीं किया और किसी के बारे में गलत नहीं सोचा, हमेशा दूसरो  की मदद भी करता हूँ, फिर भी इतना दुःख मेरे साथ क्यों ? उस समय मै कोई जवाब नहीं दे पाया। आज मै आप लोगो के सामने इसके बारे में कुछ share करना चाहता हूँ, तो दोस्तों आज का मेरा टॉपिक है-    " अच्छे लोगो के साथ दुःख और परेशानियां क्यों?"   मेरे दोस्तों जिंदगी में अक्सर एक ही सवाल आता है कि आखिर अच्छे इंसान के साथ बुरा क्यों होता है ? इसका मतलब अच्छे लोग दुखी क्यों रहते हैं, तो क्या दोस्तों हम लोग अच्छे काम न करे. दोस्तो

जीवन में सफलता के लिए COMFORT ZONE से कैसे बाहर आये

दोस्तों हम सब एक ही तरह का जीवन जीना पसंद करते है, और जब भी कोई बदलाव करने के बारे में विचार करते है तो अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आने से हमे बहुत डर लगता है, हो सकता है की आपने कभी अपनी किसी पुरानी आदत या लत को छोड़ने की कोशिश की हो, तो इस बात को बेहतर तरीके से समझ सकते है की बदलाव करने के लिए क्या करना पड़ता है।  सबसे पहले तो खुद को समझाना पड़ता है, कई दफा मन बदलाव स्वीकार नहीं करता है और हम पुराने ढर्रे पर लोट आते है, दोस्तों  ऐसे में दृढ निश्चय ही काम आता है। जीवन को आज से बेहतर बनाने के लिए बदलाव से होने वाले फायदों के बारे में फोकस करना पड़ता है और सतत प्रयास करते रहने से ही सफलता मिलती है।  दोस्तों LifeWithAshish में आपका स्वागत है। हम वही आलेख लिखते है जो लोगो की डिमांड होती है, आप भी बता सकते है की कौन से टॉपिक आपको पसंद है , हम जरूर उस टॉपिक पैर लिखेंगे।  दोस्तों जब तक आपका सहयोग मिलता रहेगा तब तक हम अपने आलेख लिखते रहेंगे। दोस्तों आज का हमारा Topic है " जीवन में सफलता के लिए COMFORT ZONE से कैसे बाहर आये" दोस्तों मेरा विश्वास मानिये कि लोगो का असफल होना

विश्वास तोड़ना

यदि तुम विश्वास करते हो, तुम कभी भी जान नहीं पाओगे। यदि तुम सचमुच जानना चाहते हो, विश्वास मत करो। इसका यह मतलब नहीं होता है कि अविश्वास करो, क्योंकि अविश्वास अलग तरह का विश्वास है। विश्वास मत करो, पर प्रयोग करो। अपने पर जाओ, और यदि तुम देख सको, यदि तुम महसूस कर सको, तो ही विश्वास करो। लेकिन तब यह विश्वास नहीं रहता; तब यह श्रद्धा होती है। यह श्रद्धा और विश्वास में फर्क है: श्रद्धा अनुभव से आती है; विश्वास पूर्वाग्रह है जो अनुभव के सहारे के बिना है।   दोस्तों खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो. मांगती तो खून ही है….!! न कहा करो हर बार की हम छोड़ देंगे तुमको, न हम इतने आम हैं, न ये तेरे बस की बात है…!! दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो ,वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं….!! दुश्मन बनाने के लिए ज़रूरी नही लड़ा जाए! आप थोड़े कामयाब हो जाओ तो वो ख़ैरात में मिलेंगे … कुछ इस तरह मैंने ज़िन्दगी को आसान बना दिया ” किसी से माफ़ी मांग ली ” ” किसी को माफ़ कर दिया ” पत्थर को लोग इसलिए पूजते हैं क्योंकि विश्वास करने लायक इंसान नहीं मिलता। जहाँ जह

सबसे बड़ा रोग है क्या कहेंगे लोग

दोस्तों यह बात बिल्कुल सत्य है कि हम ज्यादातर अपनी जिंदगी में यही सोचते रहते हैं कि लोग क्या सोचेंगे हमारे बारे में, ज्यादा समय हम यही सोच कर बिता देते हैं जिसका कोई मतलब नहीं होता। आप कितना भी अच्छा क्यों ना कर लो आप सभी लोगों को खुश नहीं रख सकते lइंसान तो भगवान से भी दुखी है फिर आप सब को खुश कैसे रख सकते हो।  अगर आप यही सोचते हैं तो आपको यह डर खत्म करना है कि बाकी लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं, क्या बोलते हैं lउनके लिए आपको खुद को खुश करना पड़ेगा जब आप स्वयं खुश रहोगी, जब आप अपने कर्मों से खुश रहोगे फिर आपको कोई मतलब नहीं रह जाएगा कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं और ना ही आपको उनकी सोच की जरूरत होनी चाहिए यह आपकी जिंदगी है आपका संघर्ष है तो फैसला भी आपको ही करना चाहिए।  दोस्तों LifeWithAshish में आपका स्वागत है , आज  मै एक नए आलेख पर लिखने जा रहा हूँ, जिसका नाम - " सबसे बड़ा रोग है क्या कहेंगे लोग "। दोस्तों आपने कई बार ऐसा महसूस किया होगा कि कोई भी काम शुरू करने से पहले मन में यह विचार आ जाता है कि लोग क्या कहेंगे, अगर हम बिना नहाए एक दिन ऑफिस  चले गये तो,