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Showing posts from October, 2020

HEALTH IS EVERYTHING

दोस्तों HEALTH IS EVERYTHING आज के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।  दोस्तों मैंने देखा है की लोग HEALTH पर ध्यान ही नहीं देते है। लोग दिन भर इधर उधर भागते रहते है,  अपने लक्ष्य की तरफ  लेकिन वो लोग अपने लिए समय निकल ही नहीं पाते हैं। लोग बोलते है की मेरे पास समय नहीं है,मै उन लोगो को यही कहूंगा की : HEALTH IS EVERYTHING HEALTH उतना  ही महत्व रखता है, जितना जीवन मे धन रखता है।   दोस्तों सोचो आपका समय कहाँ जा रहा है दिन भर।  दोस्तों  HEALTH    शरीर में अच्छे दिमाग का वास होता है दिमाग का प्रयोग कर के किसी भी काम को अच्छी तरह से कर सकते हो ,अच्छी एजुकेशन लेे सकते हो ।  दोस्तों अगर आप बीमार रहोगे तो आप कुछ भी नहीं कर सकते, आप अपने परिवार के लिए बोझ बन जाओगे। तुम्हारे कारण सभी लोग परेशान रहेंगे।  यह मेराअनुभव है।  दोस्तों सब कुछ होने पर भी यदि मनुष्य के पास  HEALTH   नहीं, तो समझो उसके पास कुछ है ही नहीं।  अगर आपका शरीर स्वस्थ है तो आप आगे जा कर बच्चों की देखभाल कर सकते हैं और एक लाभ और की ,उन पर बोझ नहीं बनेंगे ...।    दोस्तों HEALTH है तो सबकुछ है। इस कथन से ये अभिप्राय है। कि यदि आप शारीरिक

100% सत्य बोलना भी कठिन है?

दोस्तों अगर हमने  अपना सत्य बता दिया तो रहस्य क्या रह जाएगा, वैसे भी दुनिया में सत्य का कोई महत्व नहीं है, यदि हम  सत्य बताएंगे  तो मजाक समझेगे। दुनिया सबूत मांगती है और दिखावा पसन्द करती है। हमारा  जीवन साफ़ पानी की तरह पारदर्शी है। हम  जो भी निर्णय  लेते है, वो सोच समझकर लेते हैं। फ़िर ऐसे में कोई सत्य छुपाने का सवाल ही नहीं उठता है । और इसके लिए हम अपने  माता-पिता ,भाई ,बहन ईश्वर सबको दें। और अगर आप बोलो के हर किसी के एक ना एक सत्य होता है तो अगर बता दिए तो वो सत्य नहीं रह जाएगा दोस्तों हम कुछ जिंदगी के सत्य बाते  प्रस्तुत कर  रहे है: 100% सत्य बोलना भी कठिन है? 1 .इंसानों को बांधने के लिए जिन मोबाइलों का जिक्र किया गया है, वे उन्हें अकेला बना रहे हैं 2 .एक 5 साल की लड़की, जिसे खेलने के अलावा कुछ भी नहीं पता है, बहुत बुरा बर्ताव किया जाता है ताकि उनकी बुरी इच्छाओं को दूर किया जा सके 3  . जो आपको छोड़कर जा चुके हैं, वो कभी लौटकर नहीं आएंगे ये 100% सत्य है। 4 . प्रत्येक महिला सम्मान चाहती है और वह सम्मान की हकदार है ये 100% सत्य है। 5 . प्रत्येक की ज़िंदगी में कोई चीज़

वक़्त बदलते देर नहीं लगती

मेरे दोस्तों हर किसी के जीवन में बुरा समय कभी न कभी अवश्य आ जाता है, इसलिए कई प्रश्न हमारे मन में उठतें जाते हैं,  इस बुरे समय का कैसे सामना किया जाये ? दोस्तों आज हम कुछ जीवन की problems को  लिख रहा हूँ।   हालात :      हर किसी की ज़िन्दगी में एसा वक़्त आता है जब की गरीबी और बुरे वक़्त में कुछ रचनात्मक जन्म लेता है, जब हालात बहुत बुरे हो जातें है तब आप अपनी तक़दीर खुद बनाने का फैसला लेतें हैं। आँखों में मंज़िल थी गिरे फिर भी संभल गये आँधियों में इतना दम था नहीं चिराग तो हवाओं में भी जल गये मैं क्यों डरूं कि ज़िन्दगी में क्या होगा मैं क्यों सोचूं कि अच्छा-बुरा क्या होगा आगे बढ़ता रहूँगा अपनी मंज़िल की ओर अगर सफल नहीं हुए तो अनुभव ही होगा  या तो वक्त बदलना सीखो या फिर बदलों वक्त के साथ मज़बूरियों को कोसों मत हर हालात में जीना सीखो ज़मीन पर बैठा क्यों आसमान देखता है अपने पंखों को खोल ये ज़माना सिर्फ औऱ सिर्फ उड़ान देखता है  यूँ हीं नहीं मिलती राही को मंज़िल एक जुनून सा दिल में जगाना होता हैं पूछा चिड़िया से, कैसे बनाया आशियाना तो बोली, भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार तिनका-तिनका उठाना होता

बेटे भी घर छोड़ जाते हैं

दोस्तों LifeWithAshish में आपका स्वागत है। दोस्तों जीवन में पढाई बहुत जरुरत है, और उसके बाद बच्चे सोचते है कि ख्वाइशें बहुत हैं दिल में, घर अपना चलाने के लिए, कुछ करना पड़ेगा। तो दोस्तों आप समझ गए होंगे कि मैं किस टॉपिक पर बात कर रहा हूं।  रुपए कमाने के लिए -- ( 1 )  खाने में हजार नखरे करने वाले भी अब कुछ भी खा लेते हैं… अपने रूम में किसी को…भी नहीं आने देने वाले… बेटे भी घर छोड़ जाते हैं... घर को मिस करते हैं लेकिन…कहते हैं ‘बिल्कुल ठीक हूँ’… सौ-सौ ख्वाहिश रखने वाले…अब कहते हैं ‘कुछ नहीं चाहिए, पैसे कमाने की जरूरत में…वो घर से अजनबी बन जाते हैं बेटे भी घर छोड़ जाते हैं, बना बनाया खाने वाले अब वो खाना खुद बनाते है, माँ-बहन-बीवी का बनाया अब वो कहाँ खा पाते है। कभी थके-हारे भूखे भी सो जाते हैं। लड़के भी घर छोड़ जाते है, मोहल्ले की गलियां, जाने-पहचाने रास्ते, जहाँ दौड़ा करते थे अपनों के वास्ते, माँ बाप यार दोस्त सब पीछे छूट जाते हैं तन्हाई में करके याद, लड़के भी आँसू बहाते है लड़के भी घर छोड़ जाते हैं, नई नवेली दुल्हन, जान से प्यारे बहिन- भाई, छोटे-छोटे बच्चे, चाचा-चाची, खाला - फूफ़ी सब छुड़ा देती