दोस्तों आज मै एक लिख लिख रहा हूँ ,जो मैंने जिंदगी में अनुभव किये हैं , शायद आपको पसंद आये। "सफलता और जलन" दोस्तों व्यक्ति जैसे - जैसे सफल होता जाता है अकेला होता जाता है। जितने सफल व्यक्ति हुए हैं उन्होंने अपनों के बीच बेगानापन महसूस किया है। ये जलने वाले उसके अपने होते हैं। इर्ष्या तब है जब आप वो चाहते हैं जो दूसरों के पास है। जलन तब है जब आप चाहते हैं कि वो उनके पास भी न हो। अगर कोई सफल होता है तो आपको खुश होना चाहिए। अगर वो कर सकता है तो आप भी कर सकते हैं। किसी और की सफलता आपके सफल होने के मौकों को कम नहीं करती। बल्कि वो आपको प्रेरणा देती है कि आप भी वहां पहुँच सकते हैं। जो दूसरे की ख़ुशी व् सफलता न देख पाने की विकलांगता से ग्रस्त होते हैं। जलन दूसरे के लिए तकलीफ दायक हो सकती है पर आपके अन्दर ये एक तूफान मचा देती है। दोस्तों मैंने ऊपर जो लिखा है शायद आपको पसंद आये। अब मै सफलता कैसे प्राप्त हो उसके बारे में लिखने की कोशिस कर रहा हूँ: हर सिक्के के दो पहलू होते हैं , हमारा जीवन, हमारा करियर भी जीवन रूपी सिक्के के दो पहलू सकारत्मक विचार और नकारत्मक विचार के
दोस्तों वर्तमान में हम लोग जितनी तेज से आगे बढ़ रहे है, उतनी ही तेजी से हमारी खुशियाँ , रिश्ते छूट रहे है, इस ब्लॉग के माध्यम से मैंने जीवन की अनेक समस्याओ के बारे में लिखा है।