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जिंदगी जीने का सबसे अच्छा तरीका??

         

दोस्तों लोग पूरी जिंदगी जी जाते हैं लेकिन उनको अंत तक समझ ही नहीं आता कि जिंदगी के मायने क्या है! व्यक्ति जैसा सोचता है उसका व्यक्तित्व उसी के अनुरूप ढल जाता है! यदि आपके मन मस्तिष्क में हमेशा नकारात्मक बातें आती है तो बात-बात में आप थक जाएंगे, काम से जी-चुराएंगे और ऐसे में मंजिल भी आपसे दूर होती जाएगी! इसके विपरीत यदि प्रतिकूल परिस्थितियां हैं, सोच सकारात्मक है तो आपका हौसला बना रहेगा, आगे बढ़ने के नए-नए विचार मन में आते रहेंगे और अपने काम में डटे रहने के कारण आपके कदम मंजिल की ओर बढ़ते रहेंगे! 

साथ ही किसी समस्या के समाधान के लिए सदैव प्रयत्नशील रहेंगे तथा सकारात्मक सोच जिंदगी को बेहतर बनाने में मददगार होती है क्योंकि इससे विपरीत परिस्थितियों में भी निराशा पास नहीं भटकती और आगे बढ़ने का हौसला बना रहता है!

Welcome to जिंदगी जीने का सबसे अच्छा तरीका??


दोस्तों अक्सर जिंदगी में कुछ ऐसे पल आते हैं जब हम निराशा से ग्रस्त हो जाते हैं! ऐसे समय में ना तो हमें कुछ सूझता है और ना ही कुछ समझ आता है, निराशा में घूलकर हम खुद को और ज्यादा परेशान कर लेते हैं! यदि हम खुद ही अपनी परेशानियों का हल ढूंढ लेंगे तो हमें अपनी परेशानियां समझ में भी आएंगी और उन से निजात पाने का रास्ता भी स्पष्ट होगा!

इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखकर हम अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं! जैसे कि

* जीवन के हर पल को सरलता और बिना किसी तकलीफ के निरंतर सुकून से चलाने के लिए यह जरूरी है कि हम अति भावुकता से बचें तथा अपनों के लिए प्रेम और अपनापन व्यक्त करना अच्छी बात है पर जरूरत से ज्यादा भावुकता होना जीवन के लिए हानिकारक हो जाता है!

* हम अपनी सोच को संतुलित रखें और किसी भी रिश्ते या किसी के द्वारा कही गई बातों को खुद पर हावी ना होने दें किसी भी बात का निर्णय दिल से नहीं बल्कि दिमाग से लें और अपनी भावनाओं पर काबू करने की कोशिश करें! इससे हमारी कई समस्याएं हल हो जाएगी!

* हम किसी भी परिस्थिति या किसी भी हाल में रहें पर हमें अपने जीवन का ध्येय को नहीं भूलना चाहिए! हम अगर अपने हर पल की कीमत समझे और जीवन में आगे बढ़ने के लिए उसका प्रयोग करें तो हम सफल जरूर होंगे!

* अगर हम बदलते वक्त में अपनी बेहतरीन की संभावनाओं को तलाश करें तो हम पाएंगे कि वक्त कभी एक सा नहीं रहता यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि वक्त कभी अच्छा या बुरा नहीं होता बल्कि हमारे कर्म ही उसे अच्छा या बुरा बनाते हैं!

* कई बार बीता हुआ कल भी वर्तमान को प्रभावित करता है! जब कभी हमें ऐसा महसूस हो तो हमें सचेत होने की जरूरत है! जो बीत चुका है उस पर अफसोस करने से अच्छा है उन गलतियों से सबक लेते हुए आगे बढ़े!

* हमें आज जो भी काम करने हैं, उन्हें यह सोचकर करना चाहिए कि वह हमारे भविष्य को किस तरह से प्रभावित करेंगे! इसके लिए बहुत ही ज्यादा चिंतित ना होते हुए धैर्य के साथ सुनियोजित तरीके से योजना बनाकर काम करें!

* हमें अपने किसी भी काम को कल पर नहीं छोड़ना चाहिए! अगर यह हमारी आदत है तो आगे बढ़ने के लिए इसे तत्काल बदलने की जरूरत है! जब हम अपने सब काम समय पर पूरे करेंगे तभी आने वाले कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करेंगे!

* जीवन के हर क्षेत्र को अपनी अध्ययन शाला माननी चाहिए! जिस प्रकार अध्ययन के दौरान विद्यार्थी अपनी असफलता से हताश नहीं होते और पुनः प्रयास करते हैं उसी प्रकार कर्म क्षेत्र को अपने अध्ययन शाला मानते हुए लगातार संघर्ष करना चाहिए! इससे जीवन में सफलता के नए द्वार खुलते हैं!

दोस्तों यदि हम किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले सोच-विचार कर ले तो बाद में हमें उस काम के नकारात्मक परिणामों के लिए पछताना नहीं पड़ेगा और बेहतर ढंग से लिया गया निर्णय निश्चित ही भविष्य के लिए प्रभावी होगा!

हमेशा जिंदगी में कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए. अगर आप सीखना छोड़ देंगे तो आप जिंदगी में हमेशा असफलता का सामना करेंगे। जितना संभव हो सके दूसरों की गलतियों को माफ़ करते रहना चाहिए। 

हमेशा पैसे के लिए ही काम मत करो। समय आपकी सोच से भी तेज गुजर जाता है. इसका सावधानी से इस्तेमाल करें। जिंदगी में कुछ बातों को सीखा नहीं जाता उन्हें सिर्फ अनुभव ही किया जा सकता है। धन अपेक्षाकृत महत्वहीन है। 

अपने आप से झूठ मत बोलो। अपने अतीत से बाहर निकलकर अपने वर्तमान में रहो। आपका धन आपकी ख़ुशी से मापा जाता है नाकि आपके बैंक बैलेंस से ,अपने लिए जियो ना की दूसरों के लिए। आलोचनाओं का सामना करके आगे बढ़ें। अपने जीवन में लोगों को मूल्य दें। खुश लोगों के साथ हमेशा खुश रहो। 
अपनी गलतियों को गले लगाओ और उनसे सीखो.
हर दिन अपने आप को कुछ ना कुछ चुनौती देते रहो। 
गुणवत्ता मात्रा को हरा देती है। 

दोस्तों भौतिक चीजों से अपने आप को ज्यादा न जोड़कर रखें। आपके द्वारा अच्छी तरह से व्यतीत किया जीवन दूसरों के लिए भी सबक बनता है। जीवन में आगे क्या होने वाला है कोई भी नहीं जानता। 

संपत्ति आपकी मालिक नहीं है बल्कि आप संपत्ति के मालिक हैं। घर से बाहर निकलो और दूसरों के लिए कुछ करने की ठान लो। कुछ समय अपने लिए भी निकालो.
आप हर किसी को खुश नहीं कर सकते। अपनी गलतियों से सीखो। ज्यादा मत सोचो बल्कि करो। जब भी संभव हो सके नाचो और गाओ। आपको किसी चीज की कीमत तब तक नहीं पता चलेगी जब वह चीज आपसे दूर हो जाएगी। अपने घमंड को छोड़ कर माफ़ी मांगो। 

लोग अकेले होकर भी अकेले नहीं होते। आपकी जिंदगी की सारी जरूरत प्यार नहीं है. यदि आपकी जिंदगी में प्यार नहीं होगा तो आपकी जिंदगी अर्थहीन है। जिंदगी बहुत ज्यादा आसान हो जाती है जब आप लोगों में उनकी बुराई को छोड़कर उनकी अच्छाईयों को देखते हैं। 

दोस्तों जो आपके पास है उसी में खुश रहना सीखें। पैसा ही सब कुछ नहीं है यह सिर्फ एक साधन है। कोई भी आपकी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता।  आप ही अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। आपका बुद्धिमान होना व्यर्थ है अगर आप समाज में अपना योगदान नहीं कर रहे। 

लोग आपके सबसे बड़े संसाधन हैं। चीजों को बार बार करने से ही काम आता है। ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है। जादा सुनना और कम बात करना। आपका दृढ़ संकल्प आपको हर समय विजयी बनाएगा। 

अपने अंदर की मानवता को हमेशा याद रखें। विनम्र रहने का अभ्यास करें। ख़ुशी आपके अंदर से आती है ना कि बाहर से। वह काम करो जिसे आप प्यार करते हो, ना की वह जो आपको अच्छा नहीं लगता। प्रेरणा ही सब कुछ है, लेकिन यह अर्थहीन है अगर आप इससे सीखते नहीं। वर्तमान में रहें. आपको इस जीवन के प्रति आभारी होना चाहिए। 

दूसरों के जीवन के बारे में भी जानने की इच्छा रखें। क्योंकि आपको उनकी जिंदगी से भी कुछ अच्छा सीखने के लिए मिल सकता है। 

सामाजिक...

1.आप जहाँ भी हो उस वातावरण के अनुकूल व्यवहार करें ।

2.चाहे सच भी क्योँ न हो अगर उससे अलगाव की भावना आजाती है तो उस सच को मत अपनावो..मिलाने के लिए झूट का इस्तेमाल कर सकते हैं पर बिछड़ाने के लिए सच का भी इस्तेमाल न करें।

3.हम किसी भी हालात में जितना हो सके गरीबों की मदद करें।

आर्थिक...

4. भविष्य केलिए पैसे बचत करें ,इसका मतलब भूखे रहकर नहीं ...स्वास्थ्य के लिए पैसे भरपुर खर्च करें..

5.कर्ज न करें अगर फँसे हैं तो हिम्मत न हारे । जो भी लोग आर्थिक रूप से सहायता की आपकी ..उनको धोका मत दो..क्योंकि अगली बार वह किसे पे भरोसा न करेगा ।उस पाप का भार भी आपही पर पड़ेगा।

परिवारिक...

6.माँ बाप की जितनी भी सेवा करें , हम उनका ऋण नहीं चुका सकेंगे । हमेशा उनका साथ दो.. (वृद्धाश्रम में न पहुँचाए) जिसका फल आपके बच्चों को और आपको भी मिलेगा ।

7. अगर पत्नी है तो बोलने का मौका देते रहें।जिस प्रकार आपकी बहन या बेटी खुशी से ससुराल में रहना पसंद करते हैं उसी प्रकार पत्नी को भी सुख रखें।

आध्यात्मिक

8.आप आस्तिक हो या नास्तिक सभी का सम्मान करें ।हर वाद में लॉजिक होती है।उसे समझे बिना विरोध न करें ।

9. सब खुशी से रहें उनमें हम भी रहें । ऐसी भावना को लेकर जीवन व्यतीत करें ।


दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि यह article आपको पसंद आया होगा , please कमेंट के द्वारा feedback जरूर दे। आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझाओं का स्वागत है , अगर आप मेरे आर्टिकल को पसन्द करते है तो जरूर Follow करे ताकि आपको तुरंत मेरे आर्टिकल आपको मिल जाए। 

धन्यवाद 

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