दोस्तों आगे बढ़ने के लिए यह जरुरी है कि हम गलतियों को दोहराएं नहीं। उनसे सबक लें और खुद से वादा करें कि यह गलती दोबारा बिल्कुल नहीं होगी।
समझदार इनसान तो वही है, जो दूसरों की गलती से भी सबक ले ले। जरुरी नहीं कि सुधार के लिए खुद ही गलतियां की जाएं।
अपनी गलती मानना अच्छी बात है. लेकिन उतना ही जरुरी है खुद को जल्दी से माफ़ कर देना। गलती से सीख ले कर उसे भूल जाना सही है।
समझदार इनसान तो वही है, जो दूसरों की गलती से भी सबक ले ले। जरुरी नहीं कि सुधार के लिए खुद ही गलतियां की जाएं।
अपनी गलती मानना अच्छी बात है. लेकिन उतना ही जरुरी है खुद को जल्दी से माफ़ कर देना। गलती से सीख ले कर उसे भूल जाना सही है।
परिस्थितियां कैसी भी हों, तुरन्त प्रतिक्रिया न दें। आपकी जल्दबाजी, गलत निर्णय करवाती है। खुद को कुछ समय अकेला छोड़ दें और चिंतन करें।

गलती कौन नहीं करता है, जो व्यक्ति काम करता है, वही गलतियां भी करता है। इसलिए खुद पर विश्वास बनाये रखें और सतर्क रहें।
दूसरों की गलतियाँ माफ़ करने से कभी पोछे नहीं हटना, यह आपके बड़प्पन की निशानी है किन्तु अपनी गलतियों को कभी छमा नहीं करना, यह भी बड़प्पन की निशानी है।
गलतियां हमेशा छमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।
ग़लतियों से सीख लें और उसी के अनुसार आगे का रास्ता प्लान करें।
गलती करना बुरा नहीं है, गलती से सीख ना लेना बुरा है।
जो शख्श गलती करके उसका अहसास कर लेता है और भविष्य में गलती ना करने का निर्णय कर लेता है, वह जीवन में बुलंदियों को छूता है।
ग़लती करने के बाद ही खुद को सुधारने और अधिक बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है।
ग़लती होने के डर से अपने कदम आगे नहीं बढ़ाना – समझदारी नहीं।
जब हम किसी कार्य को करते हैं तो गलतियाँ होना कोई असामान्य बात नहीं है। गलतियाँ तभी होती हैं, जब हम कुछ करते हैं। वस्तुत: गलतियाँ हमें सुधरने का मौका देती हैं। गलतियाँ हमारे अनुभव को परिपक्व बनाती हैं, हमारी सूझबूझ एवं कार्यप्रणाली में प्रखरता लाती हैं।
गलतियों से हमें निराश होने की या दु:खी होने की कोई आवश्यकता नहीं है, ऐसी सामान्य घटनाएँ होंगी ही। कई व्यक्ति भूतकाल की गलतियों से इतने आहत होते हैं कि हमेशा उनका ही जि़क्र किया करते हैं। ऐसा करने का कोई लाभ नहीं। वर्तमान में जीना सीखें एवं पुरानी गलतियों को ना दोहराएँ ऐसा सुप्रयास करें।
गलतियों से हमें सबक लेना चाहिए। हमारी कार्य प्रणाली में आवश्यक परिवर्धन, परिवर्त्तन की सीख, गलतियों से ही मिलती है, लेकिन बार-बार एक ही प्रकार की गलतियाँ करना भी गलत है। आपको यह नहीं समझना चाहिए कि आप जो कर रहे हैं वह गलत नहीं हो सकता।
वस्तुत: हमें गलतियों से अपने कार्य करने के तरीकों, कार्यप्रणाली, व्यवहार में कमी का अहसास होता है और यदि आपने उसमें उचित सुधार कर लिया तो सफलता सुनिश्चित हो जाती है।
”इन्सान एक दुकान है और जुबान उसका ताला। ताला खुलता है, तभी मालूम होता है कि दुकान सोनी की है, या लोहे की है।”
अर्थात् जो स्मार्ट व्यक्ति होते हैं वे स्वयं की गलतियों से सीखते हैं, लेकिन जो वास्तव में होशियार होते हैं वे दूसरों द्वारा की गई गलतियों से सीखते हैं। हर व्यक्ति के िजीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। कई प्रकार की गलतियाँ जाने-अनजाने व्यक्ति करता है। अत: जो व्यक्ति जागरूक रहता है, वह दूसरों की सफलता एवं असफलताओं से सबक लेता है और आगे बढ़ता है।
यदि आप छात्र हैं जो आपको सफल छात्रों से सफल होने के गुरुमन्त्र मिल सकते हैं। एक सफल होने वाला छात्र आपको यह भी बता सकता है कि असफल होने के क्या कारण है या सफल होने के लिए किन चीज़ों को अपनाना चाहिए एवं किन चीज़ों से दूर रख्हना चाहिए।
आप नौकरी में हैं और किसी लोभ/लालच में आकर गलत कार्य कर लेते हैं तो आप अपना भविष्य दाँव पर लगाते हैं। नौकरी में आगे बढ़ने वालों से आपको सफल होने के गुरुमंत्रों का भी ज्ञान हो जाता है। आप किसी भी व्यवसाय में हैं, आपको सफल होने के लिए दूसरों के गुणों को आत्मसात् करना चाहिए। आपका व्यवहार अच्छा है, तो आपको अच्छे मार्गदर्शक मित्र मिल सकते हैं, जो आपको सफल होने हेतु क्या आवश्यकता है, इसके बारे में पूरा मार्गदर्शन कर सकते हैं, साथ ही आपको उन गलतियों के बारे में बता सकते हैं जिनके कारण उन्हें भी अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कहते हैं
“Learn from the mistakes of others, you can never live long enough to make them yourself.” –Chanakya
अर्थात् दूसरों द्वारा की गई गलतियों से सीखें। अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को अपनी उम्र कम पड़ेगी। हम जो कहते हैं कि ”सफलता का कोई शॅर्टकट नहीं है” यह भी लोगों के अनुभव द्वारा प्रमाणित तत्य है। कहते हैं कि –
”जो व्यक्ति कड़ी मेहनत, पूर्ण निष्ठा एवं लगन से अपने लक्ष्य की पूर्ति हेतु प्रयास करता है, वह हमेशा सफल होता है” – यह तथ्य भी तो दूसरों के अनुभव का परिणाम है।
”कई व्यक्ति आदर्श त्रुटिरहित कार्य करने की भावना के इतने दबाव में रहते हैं कि वे थोड़ी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में, त्रुटियाँ होने के डर से, अनुकूल परिस्थिति आने तक कोई कार्य करते ही नहीं हैं।”
गलतियों का ज्यादातर लोगों के जीवन पर जबरदस्त प्रभाव पड़ता है। स्कूल में, आपको सवालों के जवाब देना सिखाया गया था, घर पर आपको अनुशासित और व्यवहार को बेहतर बनना सिखाया जाता था और कार्यस्थल पर आपसे बिना किसी गलती के परिणाम की उम्मीद की जाती है। इन सभी स्थितियों में एक बड़ी समस्या यह है कि इसमें आपको सजा मिलती है। अगर आप गलत जवाब देते हैं, तो टीचर आपको डांटता या मारता है, घर में आपको पेरेंट्स की डांट सुननी पड़ती है और ऑफिस में बॉस की। इसमें कोई शक नहीं है कि कम उम्र से लोगों को गलतियां करने को लेकर बुरा महसूस करना सिखाया जाता है। यानि गलती करने वाले को यह एहसास करना सिखाया जाता है कि उसने कोई पाप कर दिया है।
कुछ लोग गलती को एक विफलता के रूप में ले लेते हैं। वास्तव में गलतियों को लेकर समाज में एक ऐसा परिवेश बन गया है कि लोग अपने जीवन को बिना गलतियों के जीने की कोशिश करते हैं। यह एक तरह की मजबूरी बन गई है। इससे लोग अपनी गलतियों को छिपाने या झूठ बोलने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन सच तो यह है आप जितनी गलतियां करते हैं आपका कॉन्फिडेंस उतना ही बढ़ता है।
दूसरों की गलतियाँ माफ़ करने से कभी पोछे नहीं हटना, यह आपके बड़प्पन की निशानी है किन्तु अपनी गलतियों को कभी छमा नहीं करना, यह भी बड़प्पन की निशानी है।
गलतियां हमेशा छमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।
ग़लतियों से सीख लें और उसी के अनुसार आगे का रास्ता प्लान करें।
गलती करना बुरा नहीं है, गलती से सीख ना लेना बुरा है।
जो शख्श गलती करके उसका अहसास कर लेता है और भविष्य में गलती ना करने का निर्णय कर लेता है, वह जीवन में बुलंदियों को छूता है।
ग़लती करने के बाद ही खुद को सुधारने और अधिक बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है।
ग़लती होने के डर से अपने कदम आगे नहीं बढ़ाना – समझदारी नहीं।
जब हम किसी कार्य को करते हैं तो गलतियाँ होना कोई असामान्य बात नहीं है। गलतियाँ तभी होती हैं, जब हम कुछ करते हैं। वस्तुत: गलतियाँ हमें सुधरने का मौका देती हैं। गलतियाँ हमारे अनुभव को परिपक्व बनाती हैं, हमारी सूझबूझ एवं कार्यप्रणाली में प्रखरता लाती हैं।
गलतियों से हमें निराश होने की या दु:खी होने की कोई आवश्यकता नहीं है, ऐसी सामान्य घटनाएँ होंगी ही। कई व्यक्ति भूतकाल की गलतियों से इतने आहत होते हैं कि हमेशा उनका ही जि़क्र किया करते हैं। ऐसा करने का कोई लाभ नहीं। वर्तमान में जीना सीखें एवं पुरानी गलतियों को ना दोहराएँ ऐसा सुप्रयास करें।
गलतियों से हमें सबक लेना चाहिए। हमारी कार्य प्रणाली में आवश्यक परिवर्धन, परिवर्त्तन की सीख, गलतियों से ही मिलती है, लेकिन बार-बार एक ही प्रकार की गलतियाँ करना भी गलत है। आपको यह नहीं समझना चाहिए कि आप जो कर रहे हैं वह गलत नहीं हो सकता।
वस्तुत: हमें गलतियों से अपने कार्य करने के तरीकों, कार्यप्रणाली, व्यवहार में कमी का अहसास होता है और यदि आपने उसमें उचित सुधार कर लिया तो सफलता सुनिश्चित हो जाती है।
”इन्सान एक दुकान है और जुबान उसका ताला। ताला खुलता है, तभी मालूम होता है कि दुकान सोनी की है, या लोहे की है।”
अर्थात् जो स्मार्ट व्यक्ति होते हैं वे स्वयं की गलतियों से सीखते हैं, लेकिन जो वास्तव में होशियार होते हैं वे दूसरों द्वारा की गई गलतियों से सीखते हैं। हर व्यक्ति के िजीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। कई प्रकार की गलतियाँ जाने-अनजाने व्यक्ति करता है। अत: जो व्यक्ति जागरूक रहता है, वह दूसरों की सफलता एवं असफलताओं से सबक लेता है और आगे बढ़ता है।
यदि आप छात्र हैं जो आपको सफल छात्रों से सफल होने के गुरुमन्त्र मिल सकते हैं। एक सफल होने वाला छात्र आपको यह भी बता सकता है कि असफल होने के क्या कारण है या सफल होने के लिए किन चीज़ों को अपनाना चाहिए एवं किन चीज़ों से दूर रख्हना चाहिए।
आप नौकरी में हैं और किसी लोभ/लालच में आकर गलत कार्य कर लेते हैं तो आप अपना भविष्य दाँव पर लगाते हैं। नौकरी में आगे बढ़ने वालों से आपको सफल होने के गुरुमंत्रों का भी ज्ञान हो जाता है। आप किसी भी व्यवसाय में हैं, आपको सफल होने के लिए दूसरों के गुणों को आत्मसात् करना चाहिए। आपका व्यवहार अच्छा है, तो आपको अच्छे मार्गदर्शक मित्र मिल सकते हैं, जो आपको सफल होने हेतु क्या आवश्यकता है, इसके बारे में पूरा मार्गदर्शन कर सकते हैं, साथ ही आपको उन गलतियों के बारे में बता सकते हैं जिनके कारण उन्हें भी अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कहते हैं
“Learn from the mistakes of others, you can never live long enough to make them yourself.” –Chanakya
अर्थात् दूसरों द्वारा की गई गलतियों से सीखें। अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को अपनी उम्र कम पड़ेगी। हम जो कहते हैं कि ”सफलता का कोई शॅर्टकट नहीं है” यह भी लोगों के अनुभव द्वारा प्रमाणित तत्य है। कहते हैं कि –
”जो व्यक्ति कड़ी मेहनत, पूर्ण निष्ठा एवं लगन से अपने लक्ष्य की पूर्ति हेतु प्रयास करता है, वह हमेशा सफल होता है” – यह तथ्य भी तो दूसरों के अनुभव का परिणाम है।
”कई व्यक्ति आदर्श त्रुटिरहित कार्य करने की भावना के इतने दबाव में रहते हैं कि वे थोड़ी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में, त्रुटियाँ होने के डर से, अनुकूल परिस्थिति आने तक कोई कार्य करते ही नहीं हैं।”
गलतियों का ज्यादातर लोगों के जीवन पर जबरदस्त प्रभाव पड़ता है। स्कूल में, आपको सवालों के जवाब देना सिखाया गया था, घर पर आपको अनुशासित और व्यवहार को बेहतर बनना सिखाया जाता था और कार्यस्थल पर आपसे बिना किसी गलती के परिणाम की उम्मीद की जाती है। इन सभी स्थितियों में एक बड़ी समस्या यह है कि इसमें आपको सजा मिलती है। अगर आप गलत जवाब देते हैं, तो टीचर आपको डांटता या मारता है, घर में आपको पेरेंट्स की डांट सुननी पड़ती है और ऑफिस में बॉस की। इसमें कोई शक नहीं है कि कम उम्र से लोगों को गलतियां करने को लेकर बुरा महसूस करना सिखाया जाता है। यानि गलती करने वाले को यह एहसास करना सिखाया जाता है कि उसने कोई पाप कर दिया है।
कुछ लोग गलती को एक विफलता के रूप में ले लेते हैं। वास्तव में गलतियों को लेकर समाज में एक ऐसा परिवेश बन गया है कि लोग अपने जीवन को बिना गलतियों के जीने की कोशिश करते हैं। यह एक तरह की मजबूरी बन गई है। इससे लोग अपनी गलतियों को छिपाने या झूठ बोलने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन सच तो यह है आप जितनी गलतियां करते हैं आपका कॉन्फिडेंस उतना ही बढ़ता है।
आपको मजबूत बनाती हैं गलतियां –
सच यह है कि जब हम गलतियों से बचने की कोशिश करते हैं, तो हमसे उतनी ही ज्यादा गलतियां होती हैं। आपको गलतियों को एक अलग नजरिये से देखने की जरूरत है। ये कोई राक्षस नहीं है बल्कि यह आपको उभारती हैं। गलतियों से आपको व्यक्तिगत विकास में सुधार लाने आपको मजबूत बनाने में मदद करती हैं।
गलती करने से कभी-कभी अच्छा भी हो जाता है –
अगर आप हमेशा गलती करने से बचते हैं, तो इससे आपको एक बनी बनाई योजना से हटकर कुछ करने का मौका मिल जाता है। कल्पना कीजिए किसी विदेशी स्थान की यात्रा के दौरान किसी कारण आपकी फ्लाइट मिस हो गई है और आपको चौबीस घंटे एयरपोर्ट पर गुजारना पड़े, जिसकी उम्मीद आपने पहले नहीं की थी। लेकिन इसी बीच अगर आपको अगली फ्लाइट से पहले निकटतम शहर देखने को मिल जाए और वो आपको पसंद आ जाए, तो आपको कभी अपनी इस गलती पर पछतावा नहीं होगा।
बेहतर फैसले लेने सिखाती हैं –
जीवन में सबसे गलतियां होती हैं। आपके ना चाहते हुए भी कभी-कभी ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं, जहां आपसे गलतियां हो जाती हैं। लेकिन आपकी समझ को बेहतर करती हैं और भविष्य में बेहतर फैसले लेना सिखाती हैं।
सफल बनाती हैं गलतियां –
असफल लोग गलतियों से बचने के लिए अपनी एनर्जी और फोकस पर अधिक बल देते हैं लेकिन सफल लोग अपनी एनर्जी और फोकस को अपने लक्ष्यों को पाने के लिए निरंतर प्रयास करने पर लगाते हैं।
विफल होना तब विफल माना जाता है जब आप उससे कुछ नहीं सीखते – किसी भी काम में गलती होना स्वाभाविक है। आप जानते हैं कि विकल्प जोखिमों के साथ आते हैं और जोखिमों से गलतियां हो सकती हैं। लेकिन अगर आप बार-बार उस गलती को दोहराते हैं, तो इसका मतलब है कि आप उससे कुछ सीख नहीं ले रहे हैं। इसलिए अपनी गलतियों से सबक लें और सुधार करके जीवन में आगे बढ़ें।

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धन्यवाद
विफल होना तब विफल माना जाता है जब आप उससे कुछ नहीं सीखते – किसी भी काम में गलती होना स्वाभाविक है। आप जानते हैं कि विकल्प जोखिमों के साथ आते हैं और जोखिमों से गलतियां हो सकती हैं। लेकिन अगर आप बार-बार उस गलती को दोहराते हैं, तो इसका मतलब है कि आप उससे कुछ सीख नहीं ले रहे हैं। इसलिए अपनी गलतियों से सबक लें और सुधार करके जीवन में आगे बढ़ें।

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