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आत्मसम्मान का महत्व

दोस्तों अपने अवचेतन मन की शक्ति का इस्तेमाल करके आप नकारात्मक और आत्म-सम्मान के आभाव से कैसे उभर सकते हैं। दोस्तों यदि आप तनावग्रस्त या चिंतित हैं कि कोई भी आपको कद्र नहीं करेगा, दूसरा तो केवल सलाह दे सकता है लेकिन दुःख का अनुभव तो सिर्फ तुम ही अनुभव कर सकते हो।  तो दोस्तों यह लेख मै इसी बात पर ही लिखने जा रहा हूँ, इस लेख में आपको बताऊंगा कि आप और सिर्फ आप ही अपनी प्रतिक्रियाओं, विचारों व भावनाओं के लिए उत्तरदायी हैं। आप सीखेंगे कि स्वयं से प्रेम कैसे करें, मानसिक शांति कैसे पाएँ, दूसरों के प्रभुत्व से छुटकारा कैसे पाएँ और सुखद, सफल जीवन कैसे जिएँ। दोस्तों आज का टॉपिक है  "आत्मसम्मान का महत्व" आत्म सम्मान क्या है: दोस्तों आत्म सम्मान का अर्थ है स्वयं का सम्मान करना स्वयं को समझना अपने आप पर गर्व करना। आत्म सम्मान हमेशा आत्म विश्वास के साथ आता है और खुद पर इतना विश्वास होना चाहिए की आप अपने महत्व को जान सके। खुद के महत्व को जानकर खुद का सम्मान करना ही आत्म सम्मान कहलाता है। जो व्यक्ति स्वयं का सम्मान करता है वो ही दुसरो से सम्मान पाता है। आत्म सम्मान वो है जहाँ आपको अपना नि
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जो लोग अपनी सोच नहीं बदल सकते वे कुछ नहीं बदल सकते

नमस्कार दोस्तों मैं हूं आपका दोस्त LifeWithAshish  और आज का आर्टिकल  "जो लोग अपनी सोच नहीं बदल सकते वे कुछ नहीं बदल सकते"   पर आधारित लिख रहा हूँ।    दोस्तों हमें अपने जीवन में सफल होने के लिए अच्छी सोच की जरूरत होती है हर व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है लेकिन गलत सोच की वजह से वह अपना हौसला छोड़ देते हैं इस आर्टिकल में  मनुष्य की सोच पर आधारित हैं, जो आपके मन में नकारात्मक विचारों को दूर करके आपके भीतर जोश, उत्साह, उमंग, और गहरा आत्मविश्वास पैदा करेगा जिससे आप नकारात्मक विचार छोड़कर सफलता के पथ पर अग्रसर हो जाएंगे। दोस्तों मनुष्य की सोच परिवर्तनशील होती हैं जो समय-समय पर माहौल के हिसाब से बदलती रहती हैं। कई बार ऐसा समय आ जाता हैं जब हमारे चारों और सभी चीजें नकारात्मक हो रही होती है हम जानते है की मनुष्य अपने विचारो से बना होता है, वह जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है। सिर्फ थोड़ा सा नजरिये का अंतर -नकारात्मक या सकारात्मक सोच का।  पैर की मोच और छोटी सोच, हमें आगे बढ़ने नहीं देती । टुटी कलम और औरो से जलन, खुद का भाग्य लिखने नहीं देती । काम का आलस और पैसो का लाल

लोग आपका सम्मान क्यों नहीं करते ?

दोस्तों आज मैं एक ऐसे विषय पर लेख लिखने कि कोशिस  कर रहा हूँ, जिसके कारण हर व्यक्ति इनका सिर्फ तिरिस्कार और नफ़रत और उनकी सदा ही उपेक्षा ही करता।  इन लोगो ने कौन सा अपराध किया है जो उन्हें सदा ही गलत नजर से तथा घृणा भाव से ही परखा जाता है  आप लोग शायद सोच रहे होंगे कि मैं किस कि बात कर रहा हूँ-   लोग आपका सम्मान क्यों नहीं करते ?   जब आप लोगों के लिए ज्यादा उपलब्ध रहने लगते हैं तो लोग आपका सम्मान करना छोड़ देते हैं। जब आप लोगों से बहुत ही ज्यादा समझदारी और प्यार से बात करते हैं तो लोग आप का मजाक बनाने लगते हैं। जब हमारे पास पैसे नहीं होते।  जब तक हम अपने जीवन में कुछ कर नहीं लेते लोग आपका सम्मान नहीं करेंगे लोगों के साथ बदतमीजी से बात करना। जब आप अच्छे कपड़े नहीं पहनते हैं। मुझे यह सब बातें बोलते हुए बहुत ही ज्यादा दुख हो रहा है परंतु यह सब सच है। उन्हें भी लोग क्यों पंसद नही करते, इसका कारण आत्मसम्मान में कमी है। यदि नुकसान नही पहुचाया, पर आत्मसमान नही, तो दुसरे पंसद नही करेगे।  इसीलिए हमे आत्मसम्मान पर बहुत ध्यान देना चाहिए  दोस्तों वास्तव में ऐसे लोग थोड़े दब्बू किस्म के होते है,उ

जीवन में घमंड ना करे

जब कोई व्यक्ति आपका सम्मान करता है और हम उसे प्रेमपूर्वकर जवाब देते है तो यह हमारा आत्मसम्मान होता है लेकिन यदि उसी जवाब को हम क्रूरता से देते है तो वह घमण्ड कहलाता है। जो चीजें गिनी जा सकें वो यकीनन खत्म हो ही जाती हैं। रावण भी तो सबसे बड़ा ज्ञानी था , आपको पता है कि केवल वो अपने घमंड के ही कारण हार गया। माना कि बरगद और पीपल जैसे विशाल हम नहीं पर गमलों में उगने वाली तुलसी भी किसी से कम नहीं। (1 ) अपनी उम्र, चेहरा, शिक्षा ,और पैसे पर घमंड : सब ने पैसा तो बहुत कमा लिया पर उस पैसे का क्या मोल हैं जब उनके घमंड के कारण रिश्ते टूट रहे हो,  सामने वाले से ठीक तरीके से बात ना करता हो।  कुछ लोग ऐसे भी मिल जाते है कि वो अपने पैसों के ऊपर घमंड करते हैं , वो सोचते है कि हम ही सबसे ज्यादा अमीर है वो दुसरो को बहुत घमंड वाली नजर से देखते हैं। दूसरे लोगो को सही तरीके से बात भी नहीं करते हैं, उनको यही लगता है ये मुझसे गरीब है। दोस्तों ये वही लोग होते है जिनके परिवार में सब लोग नौकरी कर रहे हैं, या उनको कोई पुरानी जायदाद मिली हो, पर ये लोग भूल जाते है की घमंड परिवार को बर्बाद कर दे

किसी से उम्मीद मत रखो

दोस्तों  कभी भी किसी से उम्मीद नहीं करना चाहिए क्योंकि जब उम्मीद टूटती है बहुत दर्द होता है। तो इसलिए मेरे दोस्तों उम्मीद सिर्फ अपने से ही रखना चाहिए दूसरो से नहीं। तो दोस्तों आज हम इसी topic पैर आलेख लिखने जा रहे हैं।  किसी से उम्मीद मत रखो इंसान उम्मीदों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है, जो घायल भी उम्मीदों से है और जिंदा भी उम्मीदों पर है .उम्मीद आधी जिंदगी है और मायूसी आधी मौत है . अगर कोई तुमसे भलाई की उम्मीद रखे तो उसे मायूस मत करो क्योंकि लोगों की जरूरत का तुम से वास्ता होना तुम पर भगवान्  का खास करम है।  दोस्तों आपके जीवम में ऐसा अक्सर होता होगा जब हर तरफ से हम अपनी हिम्मत हारने के करीब होते हैं तभी न जाने कहा से या किसी के द्वारा  अचानक कुछ ऐसा हो जाता है या कुछ  पढ़ने को मिल जाता है कि हिम्मत स्वयं  आ जाती  है , दोस्तों  यह भगवान्  की तरफ से होता है, वह हमें उम्मीद की किरण थमा देता है।   दोस्तों अगर खुश रहना चाहते हो तो ना उम्मीद रखो और न शिकवा करो. उम्मीद भगवान से लगाई हो तो टूटने का कोई खौफ नहीं होता, भगवान्  से उम्मीद जोड़ने वाले कभी नहीं टूटते बात बस उम्मीद की ह

जैसा सोचोगे वैसा आप बन जाओगे

दोस्तों दुनिया में कुछ ही लोग सम्मान, ख़ुशी, दौलत, समृद्धि, और सफलता क्यों हासिल कर पाते हैं; जबकि अधिकतर लोग एक औसत जीवन ही जी पाते हैं? तो दोस्तों आज हम इसी टॉपिक पर आलेख लिखने जा रहे हैं।  जैसा सोचोगे वैसा आप बन जाओगे इसकी वजह क्या है? ऐसा क्यों होता है? शायद कुछ लोग यहाँ पर ये सवाल कर सकते है की ये बड़ी सोच क्या बला है? सच में..! लोगो के सोच में अंतर होता है। उनके शिक्षा, अनुभव, माहौल और जरूरते भले ही उनकी सोच पर प्रभाव डालता है, लेकिन फिर भी इन्सान की सोच का आकार अलग अलग होता है। हुनरमंद लोग जिन्होंने कमजोरियों को जीता,  बड़ी सोच वाले लोग बहुत कम क्यों है? हाँ, ये सच है, लोग सोचते ही नहीं! हमारे जीवन वही सब और उतना ही अच्छा (बुरा) होता है जिसकी हम जितनी अच्छी( बुरी) कल्पना कर सकते हैं। जो चीज हमारे अंदर (मन मे) विद्यमान है वही चीज बाहर दिखती है। हमारा मस्तिष्क इस ब्रह्मांड मस्तिष्क का एक छोटा सा भाग है और हम जो कल्पना करते है ब्रह्मांड की शक्तियां वो सब हमारे समक्ष रखने का प्रयास करती हैं। इसे कुछ लोगों ने " law of attraction" का नाम भी दिया है। हमारा मस्तिष्क हमेश