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किसी से उम्मीद मत रखो

दोस्तों  कभी भी किसी से उम्मीद नहीं करना चाहिए क्योंकि जब उम्मीद टूटती है बहुत दर्द होता है। तो इसलिए मेरे दोस्तों उम्मीद सिर्फ अपने से ही रखना चाहिए दूसरो से नहीं। तो दोस्तों आज हम इसी topic पैर आलेख लिखने जा रहे हैं। 

किसी से उम्मीद मत रखो

Welcome to किसी से उम्मीद मत रखो

इंसान उम्मीदों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है, जो घायल भी उम्मीदों से है और जिंदा भी उम्मीदों पर है .उम्मीद आधी जिंदगी है और मायूसी आधी मौत है .
अगर कोई तुमसे भलाई की उम्मीद रखे तो उसे मायूस मत करो क्योंकि लोगों की जरूरत का तुम से वास्ता होना तुम पर भगवान्  का खास करम है। 

दोस्तों आपके जीवम में ऐसा अक्सर होता होगा जब हर तरफ से हम अपनी हिम्मत हारने के करीब होते हैं तभी न जाने कहा से या किसी के द्वारा  अचानक कुछ ऐसा हो जाता है या कुछ  पढ़ने को मिल जाता है कि हिम्मत स्वयं  आ जाती  है , दोस्तों  यह भगवान्  की तरफ से होता है, वह हमें उम्मीद की किरण थमा देता है।
 



दोस्तों अगर खुश रहना चाहते हो तो ना उम्मीद रखो और न शिकवा करो.
उम्मीद भगवान से लगाई हो तो टूटने का कोई खौफ नहीं होता, भगवान्  से उम्मीद जोड़ने वाले कभी नहीं टूटते बात बस उम्मीद की है नाकाम तो वह होते हैं जिनकी उम्मीदें अपनों से होती है। 

दोस्तों परेशान रहना, उदास बैठना, गुस्सा करना, लड़ाई करना, चीखना चिल्लाना किसी समस्या का समाधान नहीं है। इसलिए जीवन  की टेंशन छोडो और समस्या का समाधान खुशी खुशी खोजो क्योकि जितना वक़्त परेशान रहने में गुजरेगा हो सकता है उतने वक़्त में समाधान मिल जाये।  गम के पास उम्मीदें निराशा पैदा करती हैं। अगर आपकी खुशियाँ दुसरो पर निर्भर हैं, तो आपको पीड़ा सहन करनी होगी। ये 100 % सच है ,आपकी ख़ुशी आपकी जिम्मेदारी है।

उम्मीदें और निर्भरता में फर्क करना सीखे:


शायद आप अपने बदकिस्मती के लिए दुसरो को दोषी ठहराते हो, और वो भी चीज़ों को परखे बिना, इतना ही नहीं आप खुद को भी परखना भूल जाते है। जिस प्रकार से आप व्यवहार करते हैं, उसका असर आपके भावनिक अवस्था पर होता है। आप दुसरो पर निर्भर रहते हैं क्योंकि आप उन्हें खुदके कुछ कामो के लिए जिम्मेदार बनाते हैं।

दोस्तों ये स्वीकार करे की आप जो देंगे वो आपको हमेशा नहीं मिलेगा। हमे हमेशा ये याद रखना चाहिए की आप जो देते हैं, उसके बदले आप किसी चीज़ की उम्मीद  कभी भी नहीं करनी चाहिए। फिर भी, अंदर ही अंदर, हम सब को यह इच्छा तो होती ही है, हमे कुछ मिलना चाहिए। 

किसी परिस्थिति या इंसान को देवता ना माने:


दोस्तों हम दुसरो से दोष रहित होने की उम्मीद रखते है। हम हमेशा दुसरो को बदलना चाहते है, न की अपने आप को। यही निराशा का कारण होता है। इस दुनिया में कोई भी सर्वोत्तम नही है। आपको उन लोगो को वे जैसे हैं वैसे ही स्वीकारना सीखे और उन्हें आप जैसे बनाने की कोशिश ना करे। जितना जल्दी आप ये करे, उतना आप के लिए बेहतर साबित होगा। तो, अगर कोई गलत है, तो ज्यादा मत सोचिये की ऐसा क्यों?

दूसरों से बहुत ज्यादा उम्मीद करना गलत है

अगर आप निराश होने से ऊब चुके है, तो आपके बारे में दूसरे लोग क्या सोचते है यह देख पाएंगे, या फिर उनका स्वार्थी व्यवहार देखके आप तंग आ जाएंगे; बस उसी वक्त आप एक चीज़ करे- उम्मीदें रखना बंद करे। आप सिर्फ एक ही व्यक्ति से उम्मीदें रख सकते है और वो व्यक्ति है खुद आप। दूसरे लोगो के साथ रहे और वे जैसे है वैसे ही उन्हें स्वीकार कर ले। अपनी ख़ुशी या गम के लिए उन्हें जिम्मेदार ना ठहराए, क्योंकि असल में वे जवाबदेह नहीं है।

दोस्तों आपसे एक और बात कहना चाहूंगा- उम्मीद अपने आप से रखो तो वो आपकी ताकत बन जाती है और दूसरों से रखो तो वो आपकी कमज़ोरी बन जाती है। ये जान लो कि इस दुनिया में कोई तुम्हें उठा सकता है तो वो तुम खुद हो इसलिए दोस्तों मरते दम तक अपने आप से उम्मीद जिंदा रखो।

क्योंकि इंसान में इतना सामर्थ्य है कि वह बड़े से बड़े असंभव काम को संभव करके दिखा सकता है। बस दिक्कत यही होती है कि इंसान एक दो कोशिशों में ही उम्मीद छोड़ देता है कि ये काम उससे नहीं हो पाएगा। और इसी कारण वह अपने अंदर छिपी हुई असीमित शक्तियों को इग्नोर करता है और पूरी जिंदगी एक असफल इंसान बन कर रह जाता है। इसलिए दोस्तों आप पूरी जिंदगी अपने आप से उम्मीद रखना मत छोड़ो।
उम्मीद खुद से, बच्चों से, पत्नी से, समाज से, दोस्तों से, सहकर्मियों से, मम्मी से, पापा से, नाना से, नानी से, दादा से, दादी से होती ही है, कोई माने या न माने, पर यही उम्मीद हमें रोज नई ऊर्जा देती है।  जब कभी किसी से यही उम्मीद टूट जाती है तो हम कई बार निराश होते हैं, लेकिन जीवन यहीं ख़त्म नहीं होता है।  सीखने का एक नया द्वार यहीं से खुलता है।

वो बड़े-बुजुर्ग कहते हैं न, प्लान ए फेल हो तो प्लान बी तैयार रखो. बड़े-बड़े कार्पोरेट हाउसेज तो प्लान सी की बात भी करने लगे हैं।  

असल में मैं कोई जीवन के फ़लसफ़े पर बात नहीं करने जा रहा हूँ, मैं इसी उम्मीद के सहारे बात करने वाला हूँ, आपकी सबसे प्रिय संतान के बारे में वो चाहे बेटी हो या बेटा होते तो ये दिल के बेहद करीब हैं उसकी गलतियों पर आप उसे चाहे फटकारें, डांटे, पिटाई-कुटाई करें लेकिन बेइंतहाँ प्यार उसे तब तक करते हैं, जब तक आपको वह उम्मीदों से है। इसी वजह से कई बार पिटाई करने के बाद आप उसे खुद ही मनाते हैं.  खाना खिलाते हैं, बाजार ले जाते हैं, चॉकलेट, आइसक्रीम रुपया  रिश्वत भी देते हैं।  कलेजे के इसी टुकड़े को आप तनिक भी तकलीफ में नहीं देखना चाहते।  बहुत  तकलीफ़ में रहने वाला पिता अपने लाल को वह सब कुछ देना चाहता है, जो कई बार उसके बस में भी नहीं होता।

पर, यही बच्चे जब उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते तो माँ को भी तकलीफ़ होती है और पिता को भी अन्य नाते-रिश्ते भी उम्मीदों के टूटने पर तकलीफ में आते हैं इस बेहद खुशनुमा फलक के माध्यम से हम प्रयास करने जा रहे हैं कि ये उम्मीदें पहले तो टूटने ही न पाएँ मायने पूरी हों लेकिन सर्वविदित है कि शत-प्रतिशत वैसा नहीं होता, जैसा हम चाहते हैं ठीक उसी तरह जैसे एक टीचर पूरी क्लास को दिल से पढ़ाता है लेकिन टॉपर कोई एक-दो ही होते हैं| इसका मतलब कहीं न कहीं कुछ ऐसा है, जिसका सामंजस्य बैठाया जाना बहुत जरुरी है अगर बैठ गया तो हमारी और आपकी उम्मीदें टूटने नहीं पाएँगी।
मैं कुछ ऐसी कोशिश करूँगा कि संतानों को लेकर हमारी और आपकी उम्मीदें टूटने न पाएँ कड़ी-दर-कड़ी आपके सामने परोसे जाने वाली कहानियों के रूप में आती जाएँगी हमारा मकसद आने वाली पीढ़ी को उनके मम्मी-पापा, दादा-दादी, नाना-नानी की मदद से उचित रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करना है तो बच्चों के लालन-पालन में आ रही दुश्वारियों से सभी को सजग करना भी है.



Welcome to किसी से उम्मीद मत रखो



लफ्ज है......उम्मीद.......!
पर जीने के लिए,
बहुत काम आती है....उम्मीद........!
फासलों में रहने वालो का,
साथ निभाती है.....उम्मीद.........!
और फिर मिलने की आस,
दिल में जगाती है......उम्मीद.........!
किसी खास शक्श के बिना,
जिन्दगी का गुजारा कहां.........!
दूर रहकर भी उसकी यादों को,
खूब महकाती है.....उम्मीद.........!
जब कभी लगता हो कि,
शायद ना मिल पाएंगे हम..........!
किसी ना किसी बहाने से,
करीब ले आती है.....उम्मीद.........!
कभी वक्त काटे ना कटे और,
सब कुछ बेगाना सा लगे..........!
तब एक अलग ही ऐहसास बनके,
दिलों को बहलाती है......उम्मीद..........!
इसलिए मेरे यारों हमेशा,
उम्मीद का दामन थामे रखना..........!
देर से ही सही पर सच्चे प्यार से,
एक दिन जरूर मिलवाती है......उम्मीद.........!!


दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि यह article आपको पसंद आया होगा , please कमेंट के द्वारा feedback जरूर दे। आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझाओं का स्वागत है , अगर आप मेरे आर्टिकल को पसन्द करते है तो जरूर Follow करे ताकि आपको तुरंत मेरे आर्टिकल आपको मिल जाए।


धन्यवाद


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