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ईश्वर पर विश्वास


दोस्तों जहां पर श्रद्धा और आस्था होती है वह पर कभी भी अविश्वास या बिन भरोसा नहीं होता। होता है तो केवल सम्पूर्ण भरोसा एवम् विश्वास! अगर आपके बस में होता तो अवश्य कर लेते सही लेकिन जब आपके बस में नहीं रहा तो ईश्वर पर छोड़ दिया जाता है , यह कैसा विश्वास हुआ? यह कैसा भरोसा हुआ? तो ईश्वर पर सम्पूर्ण भरोसा तो तब होता है जब आप हर समय उन्ही के लिए कर्म करते हो, उन्हीं को समर्पित हो के कर्म करते हो। तब आपकी आस्था और विश्वास अटल भरोसे में परिवर्तित हो जाएगी और स्वयं ईश्वर आपकी सहायता हेतु प्रकट हो जाएंगे।

दोस्तों आज मै एक शुभचिंतक के Request पर एक टॉपिक पर लिख रहा हूँ , जिसका नाम है -     
          

"ईश्वर पर विश्वास" 



Welcome to ईश्वर पर विश्वास

आओ आज किसी का यूँ ही, इंतजार करते हैं..!

चाय बनाकर फिर, कोई बात करते हैं..!!

उम्र  50 / 60  के पार  हो गई हमारी..!

बुढ़ापे का चलो, अभिनन्दन  करते है..!!

कौन आएगा अब, हमको देखने यहां..!

एक - दूसरे की, देखभाल करते है..!!

आओ फिर से दोस्तो को, कॉल करते हैं..!!

जिंदगी जो बीत गई, सो बीत गई..!

बाकी बची में फिर से, प्यार करते हैं..!!

ईश्वर ने जो भी दिया, लाजवाब दिया..!

चलो शुक्रिया उसका, बार बार करते हैं..!!

सभी का हाल यही है, इस जमाने में..!

ग़ज़ल ये सब यारों के, नाम करते हैं,।

दोस्तों जब भी आपको कुछ परेशानियां आती है तो आप भगवान् को दोष देते हो।

इसी बात पर आपको एक उदाहरण बता रहा हूँ , कृपया ध्यान से समझिएगा----

एक व्यक्ति का दिन बहुत खराब गया उसने रात को ईश्वर से फ़रियाद की, और व्यक्ति ने कहा, भगवान आप गुस्सा न हों तो एक प्रश्न पूछूँ ? भगवान ने कहा, 'पूछो , जो पूछना हो व्यक्ति ने कहा, भगवान, आपने आज मेरा पूरा दिन एकदम खराब क्यों किया ? भगवान हँसे और पूछा, पर हुआ क्या ? व्यक्ति ने कहा सुबह अलार्म नहीं बजा और मुझे उठने में देरी हो गई, भगवान ने कहा, अच्छा फिर व्यक्ति ने कहा देर हो रही थी उस पर स्कूटर बिगड़ गया, मुश्किल से रिक्शा मिली , भगवान ने कहा, अच्छा फिर व्यक्ति ने कहा,घर से भी टिफ़िन ले नहीं गया था, और देखा तो वहां केन्टीन भी बंद थी। कुछ भी खाने को नहीं मिला , फिर मुश्किल से एक वडा पाव दूकान मिली और खाकर दिन निकाला, भगवान केवल हँसे

व्यक्ति ने फ़रियाद आगे चलाई , 'मुझे आज आज बहुत ही काम का एक का फ़ोन आने वाला था और फ़ोन ही हैंग होकर बंद हो गया।

भगवान ने पूछा अच्छा फिर व्यक्ति ने कहा, मैंने सोचा घर जल्दी पहुंच के  AC चलाकर सो जाऊंगा , पर जैसे ही घर पहुँचा और देखा तो पता चला कि तो लाईट बहुत देर से गई हुई थी, और   मैंने बोला हे भगवान.... सारी मुसीबते मेरे साथ क्यों? , ऐसा क्यों किया मेरे साथ ? मैंने किसी का किया बिगाड़ा।


भगवान ने कहा, देखो , मेरी बात ध्यान से सुनो, आज तुझ पर कोई आफ़त आयी थी, अपने देवदूत को भेजकर मैंने रुकवाई,ALARMM न बजे  ऐसा मैंने  किया। गाड़ी से दुर्घटना होने का डर था आपके साथ , इसलिए मैंने स्कूटर कोख़राब कर दिया। CANTEEN में खाना  खाने सेFOOD POISONN हो जाता। और फ़ोन पर बड़ी काम की बात करने वाला  मनुष्य तुम्हे बहुत बड़े घोटाले में फँसा सकता था  , इसलिए  मैंने फ़ोन बंद कर दिया। तेरे घर में आज शार्ट सर्किट से आग लगती, तू सोया रहता और तुझे पता ही नहीं चलता , इसलिए लाईट बंद कर दी ! मैंने यह सब तुझे बचाने के लिए किया; इसके बाद व्यक्ति ने कहा हे भगवान मुझसे भूल हो गयी , पर शक किया , पता नहीं क्या क्या सोच लिया था , मुझे माफ किजीए , आज के बाद फ़रियाद नहीं करूँगा।

भगवान ने  बोला कि तुमको अब से माफी माँगने की कोई  ज़रूरत नहीं ,लेकिन हमेशा विश्वास रखना मेरे ऊपर कि मैं हूं ना।

मैं जो भी करूँगा वो तेरे लिए वो अच्छा  ही होगा।जिंदगी में जो कुछ अच्छा - ख़राब होता है,उन सभी का मतलब बहुत समय निकल जाने के  के बाद ही समझ में आता है। मेरे कोई भी कार्य पर शंका न कर ,श्रद्धा रख। जिंदगी का सारा  बोझ अपने ऊपर लेकर घूमने के बदले मेरे कंधों पर रख दे TENSION मत कर, चितंन कर,  मैं हूं ना।

दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि यह article आपको पसंद आया होगा , please कमेंट के द्वारा feedback जरूर दे। आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझाओं का स्वागत है , अगर आप मेरे आर्टिकल को पसन्द करते है तो जरूर Follow करे ताकि आपको तुरंत मेरे आर्टिकल आपको मिल जाए। 

धन्यवाद                                       

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